अमौर विधानसभा सीट (पूर्णिया) बिहार के सीमांचल की सबसे महत्वपूर्ण मुस्लिम बहुल सीटों में से एक है। यहाँ का राजनीतिक समीकरण पूरे सीमांचल की राजनीति को दिशा देता है। 2020 में AIMIM के अख्तरुल इमान ने यहाँ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, लेकिन 2024 लोकसभा चुनावों ने तस्वीर बदल दी है। अब 2025 का विधानसभा चुनाव AIMIM, कांग्रेस और जन सुराज (PK) के बीच दिलचस्प हो सकता है।
2020 विधानसभा चुनाव: AIMIM की धमाकेदार जीत
2020 में अमौर ने AIMIM को पहली बार विधानसभा में सीधी जीत दी।
परिणाम:
- अख्तरुल इमान (AIMIM) – 94,459 वोट (51.2%)
- सबा ज़फ़र (JDU) – 41,944 वोट (22.7%)
- अब्दुल जलिल मस्तान (INC) – 31,863 वोट (17.3%)
- NOTA – 4,958 वोट (2.7%)
- JAP उम्मीदवार – 3,164 वोट (1.7%)
➡ अख्तरुल इमान ने अपने विरोधियों को 50% से ज्यादा वोट शेयर के साथ पछाड़ दिया।
➡ कांग्रेस और JDU यहाँ दूसरे–तीसरे नंबर पर रहे।
➡ यह AIMIM का सीमांचल में सबसे बड़ा प्रदर्शन था।
➡ कांग्रेस का परंपरागत आधार मज़बूत रहा है।
➡ 2010 में BJP ने गैर-मुस्लिम वोटों से जीत दर्ज की थी।
➡ AIMIM सिर्फ 2020 में बड़ी जीत दर्ज कर पाई।
➡ 2024 लोकसभा में AIMIM का वोट शेयर 51% से गिरकर 28% रह गया।
क्यों अख्तरुल इमान को मुश्किल होगी 2025 में?
1. वोट शेयर में गिरावट
- 2020: AIMIM – 51%
- 2024: AIMIM – 28%
इसका मतलब है कि उनका “मुस्लिम वोट बैंक” स्थिर नहीं है।
2. कांग्रेस का वापसी संकेत
- कांग्रेस ने 2024 में 39% वोट हासिल किया।
- पुराने नेता और परंपरागत वोट बैंक अब भी मौजूद है।
3. जन सुराज का एंट्री फैक्टर
- प्रशांत किशोर सीमांचल में लगातार सक्रिय रहे हैं।
- रोजगार, शिक्षा और पलायन जैसे मुद्दे AIMIM की “पहचान आधारित राजनीति” को चुनौती दे रहे हैं।
- अगर जन सुराज ने मजबूत मुस्लिम उम्मीदवार उतारा तो AIMIM का वोट बैंक और बिखर सकता है।
4. स्थानीय बनाम बाहरी नैरेटिव
- AIMIM को हैदराबाद की पार्टी कहा जाता है।
- जन सुराज “बिहार के लिए बिहार” का संदेश देकर स्थानीय कनेक्ट बना रहा है।
5. युवा और बदलाव की राजनीति
- सीमांचल के युवा AIMIM से विकास की उम्मीद पूरी न होने से निराश हैं।
- PK की जमीनी शैली और डेटा-आधारित कैंपेन युवाओं को आकर्षित कर सकती है।
- संभावित 2025 समीकरण
- कांग्रेस + RJD → 30–35%
- AIMIM (अख्तरुल इमान) → 28–32%
- जन सुराज (PK) → 15–20% (यदि मजबूत मुस्लिम चेहरा उतारा गया तो और ऊपर)
- JDU + BJP → 10–15%
अगर मुस्लिम वोट AIMIM, कांग्रेस और जन सुराज में बँटता है → BJP–JDU को फायदा।
अगर जन सुराज ने 20% से ज्यादा वोट खींच लिया → यह PK की पहली बड़ी जीत वाली सीट बन सकती है।
निष्कर्ष
अख्तरुल इमान की छवि सीमांचल में मज़बूत है, लेकिन उनकी “अजेय स्थिति” अब टूट रही है।
2020 की भारी जीत के बाद 2024 लोकसभा चुनावों ने AIMIM की गिरती पकड़ दिखा दी।
कांग्रेस वापसी कर रही है और PK का जन सुराज तीसरा विकल्प बनकर उभर रहा है।
अमौर 2025 में सिर्फ AIMIM बनाम कांग्रेस का चुनाव नहीं होगा, बल्कि AIMIM बनाम कांग्रेस बनाम जन सुराज का त्रिकोणीय संघर्ष होगा।
अगर PK ने यहाँ सही उम्मीदवार और रणनीति उतारी, तो अमौर उनकी पहली ऐतिहासिक जीत का गवाह बन सकता है।









